DIWALI 2024 DATE NO FURTHER A MYSTERY

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त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

माना कि मैं तो पतित बहुत हूँ

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

कुमति निवार सुमति के सङ्गी ॥३॥ कञ्चन बरन बिराज सुबेसा ।

बिकट रूप धरि लङ्क जरावा ॥९॥ भीम रूप धरि असुर सँहारे ।

O Wonderful Lord, consort of Parvati That you are most merciful . You always bless the bad and pious devotees. Your beautiful sort is adorned Along with the moon on Your forehead and in your ears are earrings of snakes' hood.

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

hanuman ji ki aarti: बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए पढ़ें श्री हनुमान जी की durga chalisa in hindi आरती

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं - आरती

पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥

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